बारह महीने - बाल कविता - Short Poem on months in Hindi

 

बारह महीने


Short Poem on months in Hindi


जनवरी आयी जनवरी आयी

पतंग और तिल के लड्डू लायी

देख यह फरवरी भी इतराई 

शिव शंभु की धूम मचाई

मार्च भी आया मार्च भी आया

होली के रंगों से नहलाया

अप्रैल भी बैसाखी लाया 

फसलों से देखो लहराया

मई ने फिर गर्मी दिखलाई

तेज़ धूप और लू फैलाई

जून ने मई का साथ निभाया

पानी की कीमत को समझाया

जुलाई आयी लेकर ऋतुरानी

बच्चों ने भी भीगने की ठानी

अगस्त भी आया अगस्त भी आया

जन्माष्टमी दही हांडी लाया

सितंबर भी कहाँ कम था

हर नहर में पानी छमा छम था

फिर अक्टूबर में जगमट थी

दसहरा - गरबा की रमझट थी

नवंबर लाया मिठाई - पटाखे

दीवाली में सजे घर दरवाजे

दिसंबर ने कुल्फी जमवाई

मौसम में गुलाबी ऋतु छाई

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Janwari Aayi Janwari Aayi 

Patang Aur Teel Ke Laddu Layi

Dekh Yah Farwari Bhi Itraai

Shiv Shambhu Ki Dhoom Machaai

March Bhi Aaya March Bhi Aaya

Holi Ke Rango Se Nahalaaya

Aprail Bhi Baisakhi Laaya

Phasalon Se Dekho Laharaaya

Mai Ne Fir Garmi Dikhlaai

Tez Dhoop Aur Loo Failaai

Jun Ne Mai Ka Saath Nibhaaya

Paani Ki Keemat Ko Samjhaya

Julai Aayi Lekar Riturani

Bachho Ne Bhi Bhigne Ki Thaani

August Bhi Aaya August Bhi Aaya

Janmashtami Dahihandi Laya

Sitambar Bhi Kahaa Kam Tha

Har Nahar Mein Paani Chamaa Cham Tha

Fir Aktubar Mein Jhagmat Thi

Dashahra Garba Ki Ramjhat Thi

Navambar Laaya Mithaai - Phataake

Deewali Mein Sajhe Ghar Darwaaje

Disambar Ne Kulfi Jamwaai

Mausam Mein Gulaabi Ritu Chaai..


पंछियों को पानी पिलाओ - हिंदी बाल कविता

चंदा मामा मुझको प्यारे



चंदा मामा मुझको प्यारे 

लेकर आते कितने तारे

सारे तारे टिमटिमाते

जैसे मेरे संग बतलाते


रात को थोड़ा प्रकाश फैलाते

लोगो को रास्ता दिखलाते

दिन में जाने कहाँ है जाते

सूरज चाचू से छुप जाते


साथ मे चंदा मामा चलते

इधर भी चलते उधर भी चलते

मैं दौडूं तो वो भी दौड़ते

चंदा मामा बहुत हँसाते


चंदा मामा खेल दिखाते

बादल में जाकर छुप जाते

एक दिन की छुट्टी लेकर

फिर वो मुझसे मिलने आते


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Chanda Mama Poem For Kids


Chanda Mama Mujhko Pyare

Lekar Aate Kitne Taare

Saare Taare Timtimaate

Jaise Mere Sang Batlaate


Raat ko Thoda Prakash Failaate

Logo Ko Rasta Dikhlaaye

Din Mein Jaane Kahan Hai Jaate

Suraj Chachu Se Chhup Jaate


Saath Mein Chanda Mama Chalte

Idhar Bhi Chalte Udhar Bhi Chalte

Mein Daudu To Wo Bhi Daudte

Chanda Mama Bahut Hasaate


Chanda Mama Khel Dikhaate

Baadal Mein Jaakar Chhup Jaate

Ek Din Ki Chutti Lekar

Fir Wo Mujhse Milne Aate


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  हमें आशा है आपको यह बाल कविताए पसंद आएगी। हम निरंतर इसी प्रयास में रहेंगे की आपके लिए अच्छी-अच्छी और प्यारी-प्यारी कविताए लाते रहे।


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