Zindagi Shayari In Hindi - Zimmedariyan
ज़िन्दगी जीने का तरीका चाहे सबका अलग हो पर किसी पर बीती कोई बात कही तो खुद से मिल ही आती है। किसी के दर्द को देखकर अपना कोई दर्द याद आता है, जैसे किसी को मुस्कुराता देख इंसान अक्सर खुद भी मुस्कुराता है। Zindagi Shayari भी ऐसी है, जहा हर दूसरी बात खुद से मिलती हुई लगती है।
ज़िन्दगी में सभी को एक सा मौका नहीं मिलता, किसी को ज़िन्दगी बिना कहे या बिना मांगे ही बहुत कुछ दे देती है तो किसी को छोटी-छोटी खुशियों के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है, इसमें इंसान की परीक्षा भी है और सफलता या असफलता भी। आदमी एक वक्त के बाद इन सभी मुश्किलों का आदी हो जाता है या उन्हें बदलने की पुरजोर कोशिश करता है। किसी भी हाल में ज़िन्दगी को हंसी खुशी से जीने कि कोशिश करनी चाहिए, अपने आज को अपने बीते कल से बेहतर बनाने कि कोशिश ही तो ज़िन्दगी है। ज़िन्दगी शायरी ऐसे मुद्दों को छूती है जो हर कोई अपने अंदर जानता है, समझता है लेकिन उसे ज़ाहिर करने के लिए अल्फ़ाज़ धुंडता है। जब ऐसी कोई शायरी पढ़ने मिलती है जिसमे लिखे हालाद को आप बहुत करीब से छू कर या जीकर निकले है या अभी उन्ही हालादों में है तो आप इस से जुड़ाव महसूस करते है। इसे पढ़कर आप अपनी ज़िन्दगी को कुछ ठीक से शब्दो में समझने कि कोशिश करते है।
Zindagi Shayari In Hindi
1.
मुझे अपनी ज़िम्मेदारियों से प्यार है..
क्योकि ज़िन्दगी इन्ही से बरकरार है..
Mujhe Apni Zimmedariyon Se Pyar Hai..
Kyoki Zindagi Inhi Se Barkaraar Hai..
I Love My Responsibilities
Because These Are What Keeps Life Going
2.
मेरी कोशिशों का तुझ पर
कुछ तो असर रख ए ज़िन्दगी..
यहाँ कोई और नहीं आने वाला
तुझे सवारने को..
Meri koshishon Ka Tujh Par
Kuch To Asar Rakh Ae Zindagi..
Yahaa koi Aur Nahi Aane Wala..
Tujhe Sawaarne ko..
Atleast Have Some Effects Of
My Efforts On You Life
Here No One Else Will Come
To Decorate You..
3.
पल दो पल की नादानी से
जब ज़िन्दगी रूठ जाती है..
फिर उसे मनाने में
जवानी टूट जाती है..
Pal Do Pal KI Naadani Se
Jab Zindagi Ruth Jaati Hai..
Fir Use Manaane Mein
Jawaani Tut Jaati Hai..
When Few Moments Of
Foolishness Makes Life Upset
Then the Youth Gets Wasted
To Make It up Again
Nahin Mein Tumsa Nahi Hun
नहीं मैं तुमसा नहीं हूं
मेरी मंजिल कुछ और है
तुम भी पसंद हो मुझे
पर मुझे खींचती कोई डोर है
दो पल रुकूंगा फिर चल दूंगा
तुम बुरा मान जाओगे
कहकर मुझे मतलबी
दिल अपना दुखाओगे
साथ मेरे चलना कोई
खास मुश्किल तो नही
पर मेरी मंजिल, मेरे रास्ते
क्या समझ पाओगे
देखा होगा तुमने भी
ज़माना अपनी नजर से
पर जो मैंने जिया है
क्या तुम उसकी तह पाओगे
आसान होगा मेरे लिए
मतलबी, बेवफ़ा हो जाना
वरना सब्र की हद तक
क्या तुम वफादार रह पाओगे
Nahin Mein Tumsa Nahi Hun
Meri Manzil Kuch Aur Hai
Tum Bhi Pasand Ho Mujhe
Par Mujhe Khichati Koi Dor Hai
Do Pal Rukunga Fir Chal Dunga
Tum Bura Maan Jaaoge
Kahkar Mujhe Matlabi
Dil Apna Dikhaoge
Saath Mere Chalna Koi
Khaas Mushkil To Nahin
Par Mere Raste Meri Manzil
Kya Samajh Paaoge
Dekha Hoga Tumne Bhi
Zamaana Apni Nazar Se
Par Jo Meine Jiya Hai
Kya Uske Teh Paaoge
Aasan Hoga Mere Liye
Matlabi, Bewafaa Ho Jaana
Varna Sabrn Ki Hadd Tak
Kya Tum Wafaadar Rah Paaoge
जिंदगी कोई अखबार नही है
की रोज दिखाया जाए
रोज स्टेटस बदलने से बेहतर है
कोई स्टेटस बनाया जाए
Zindagi Koi Akhbaar Nahi hai
Ki Roz Dikhaya Jaaye
Roz Status Badalne se Behtar Hai
Koi Status Banaya Jaaye..
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