Panchiyon Ko Pani Pilaao - Hindi Kavita
बहुत तेज होती है धूप,
थोड़ी सी पर छांव दिलाओ..
बहुत प्यासे होते है पंछी,
उन्हे शीतल पानी पिलाओ..
खोजते हैं पानी सारे पंछी,
यहां वहां बिल्डिंग गलियों में..
मानवता का हाथ बढ़ाओ,
प्रेम भाव से पानी पिलाओ..
तपती है धरती और आकाश,
दूर उड़कर भी नही बुझती प्यास..
गर्मियों से इन्हें बचाओ,
स्वच्छ ताज़ा पानी पिलाओ..
खुद ना आए तो उन्हें बुलाओ,
गिरते पानी की आवाज सुनाओ..
थोड़े दाने भी उन्हे खिलाओ,
पंछियों को पानी पिलाओ..
Bahut Tez Hoti Hai Dhoop,
Thodi Si Par Chaanv Dilaao..
Bahut Pyase Hote Hai Panchi,
Unhen Sheetal Pani Pilaao..
Khojte Hai Paani Sare Panchi
Yahan Wahan Building Galiyon Mein
Manavta Ka Haath Badhaao
Prem Bhaav Se Pani Pilaao
TapatI Hai Dharati Aur Aakash
Door Udakar Bhi Nahi Bujati Pyaas
Garmiyon Se Inhen Bachaao
Swaccha Taza Pani Pilaao
Khud Naa Aaye To Unhe Bulaao,
Girte Paani Ki Aawaz Sunaao..
Thode Daane Bhi Unhe Khilaao,
Panchiyon Ko Pani Pilaao..
गर्मियों में पंछियों के लिए हमे पानी का इंतजाम करना बेहद जरूरी है क्योंकि खासकर शहरों में कड़ी धूप और गर्मी में पंछियों को पीने लायक पानी नहीं मिल पाता। यह समझना हमारे लिए बहुत जरूरी है की पंछी या बाकी कोई भी जानवर बिना पानी के ना रहे। गांव और जंगल में तो पशु पक्षियों को नदी या तालाब से पानी मिल सकता है लेकिन शहरों में दूर दूर तक दोपहर में पीने लायक एक बूंद का भी ना मिलना मुमकिन है। इस लिए हमे जितना हो सके अपनी तरफ से यह प्रयास करना चाहिए के पंछियों को पानी अवश्य मिले।
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