बगीचे पर बाल कविता - Bagiche Par Bal Kavita - Poem On Garden For Kids
1.
छोटू और बगीचे का झूला
छोटू बोला मम्मी से
आज बगीचे जाना है
खूब खेलना खूब
कूदना
कूदना
झूला झूलकर आना है
मम्मी ने की सब तैयारी
खेल कूद का सामान लिया
बनाया अच्छा सा नाश्ता
फिर छोटू को तैयार किया
छोटू की सवारी निकली
पूरे रास्ते शोर किया
देखकर बगीचे का दरवाजा
छोटू अंदर दौड़ गया
हरा भरा सुंदर बगीचा
फूलों से था लदा हुआ
टहलते लोग और खेलते बच्चे
बगीचा था पूरा भरा हुआ
पहुंचा छोटू खेल विभाग में
झूले पर जाकर बैठ गया
बोला मम्मी झुलाओ झूला
जी भरके छोटू ने मजा किया
Chhotu Aur Bagiche Ka Jhula
Chhotu bola mummy se
Aaj bagiche jaana hai
Khoob khelna khoob kudna
Jula jul kar aana hai
Mummy ne ki sab taiyari
Khel kud ka saaman liya
Banaya achha sa nashta
Fir chhotu ko taiyar Kiya
Chhotu ki sawari nikli
Pure raste shor Kiya
Dekhkar bagiche ka darwaja
Chhotu andar daud Gaya
Hara bhara Sundar bagicha
Phoolon se tha Lada hua
Tahalte log aur khelte bachhe
Bagicha tha pura bhara hua
Pahucha chhotu khel vibhag me
Jule par jakar baith gaya
Bola Mummy jhulao jula
Ji bharke chhotu ne maja Kiya
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